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त्रिवेणी

चीखे !!

आज मैं चुप हूँ

मिटटी की गुडिया

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तुझ में रब दिखता हैं यारा मैं क्या करू ???

एक जंग लगा पिन

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श्रृंगार किये दुल्हन

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गिरह , गांठे

हिंदी अनुवाद सहित पंजाबी नज़्म

यूं ही चलते चलते

यतार्थ /पलायन

कहो तुम